मैं अकेला ही ठीक हूँ Leave a Comment / Poems / By Indar Ramchandani आरज़ू नहीं अमरता की मुझे, मैं गुमनामियों में शरीक हूँ…
तुझसे मेरी जान जुड़ी है… Leave a Comment / Poems / By Indar Ramchandani यार हर पहर, धूप या सहर दिल पे तेरा पहरा है… पाक जो करे, रूह को मेरे ऐसा तेरा चेहरा है
जीतेगा वही जो खेलेगा सही… Leave a Comment / Poems / By Indar Ramchandani सीने में जो आग है तेरे, बुझने ना दे उसको कभी।
मैं इंसान हूँ… 2 Comments / Poems / By Indar Ramchandani कौन कहता है मैं क़ैद हूँ? मैं क़ैद नहीं, मुस्तैद हूँ।
चलो फिर आज… Leave a Comment / Poems / By Indar Ramchandani चलो फिर आज तकिये पे सर रखकर सो जाएँ, चलो फिर आज चद्दर में मुंह ढक कर सो जाएँ…